कश्मीर के अनंतनाग की बेटी महबूबा का बातचीत में भरोसा है। बातचीत के दोनों सिरों में अंतरराष्ट्रीय कूटनीति और राजनीति है। बातचीत पर भरोसा भी राजनीति है। मेहबूबा को #भारत_मुक्त_कश्मीर चाहिए। भारत अपने स्वर्ग को कैसे छोड़ दे। 1971 की मुक्तिवाहिनी 2019 में काम आ सकती है क्या? भारत सुना है मज़बूत हाथों में है। पर सुनते हैं नाजायज़ हमलों में रोज हमारे जवान #मर रहे हैं।( शहीद तो वो तब कहलायेंगे जब मंत्रालय प्रमाणपत्र देगा।)
पुलवामा में पाकिस्तान के हमलावर संगठन ने भारतीय केंद्रीय सुरक्षा बल के ड्यूटी पर लौटते हुए 45 जवानों को मार डाला। उसके *एक मरने के लिए तैयार बिजूका* तथा 200 किलो विस्फोटक का नुकसान हुआ। यह पाकिस्तान का लक्ष्य था, वह बेहतर था, जीत गया। इस खुशी में उसने 5 जवानों का और खून पिया।
भारत में देशभक्ति का नाटक तैयार हुआ। पाकिस्तान के अज्ञात स्थान पर *भारतीय हवाई सुरक्षा बल* का हमला हुआ। 2000 किलो विस्फोटक, 5 मिराज और सैकड़ों सिपाही झोंके गए। बिना सबूत और रिकॉर्ड के 300 आतंकी/मुजाहिदीन *(त्यागियों)* मारे गए। जिस मां ने 45 हत सैनिकों में अपना एक बेटा खोया है वह मांगती है कि जिस तरह उनके क्षत-विक्षत पुत्रों के चित्र बार बार दिखा कर उनकी भावनाएं आहत की गईं हैं, उसी तरह उन 300 आतंकियों के क्षत-विक्षत चेहरे (बतौर) दिखाकर राहत पहुंचाई जाए। भारत के लिए यह व्यवहारिक तौर पर संभव नहीं है। उधर पाकिस्तान के पास सबूत और प्रमाण है कि केवल कुछ पेड़ धराशायी हुए। भारत करोड़ों के नुकसान पर इतने पेड़ गिरा आया जितने रोज़ हमारे *लकड़ीचोर* काट ले जाते हैं। कटे हुये पेड़ पाकिस्तान की सुविधा बन गए। उसका क्या नुकसान हुआ। मात्र आंकड़ों से भारत का कोई फायदा नहीं हुआ।
पाकिस्तान का f 16 भारत की तरफ बढ़ा। भारत के हवाबाज जवान ने उसे *कमतर* मिग से उड़ा दिया और नष्ट हुए मिग सहित पाकिस्तान में पकड़ा गया। *उसे* जेनेवा संधि के तहत 60 घंटे की तगड़ी *टी आर पी* के साथ विश्व में अपनी साख बनाते हुए छोड़ा गया। अन्तर्राष्ट्रीय रहम पर पाकिस्तान से पिट कर आये इस सिपाही का *युद्धस्तर* पर स्वागत हुआ। हम अहिंसावादी है, युद्ध नहीं करते *युद्ध स्तर* का तमाशा करते हैं, ढोंग करते हैं। भारत के हाथ क्या लगा? क्या सचमुच इस नाटकीयता के साथ ही हम हारता हुआ चुनाव *अब जीत जाएंगे?* हम *चुनाव प्रधान* और *चुनाव जीवी* हो गए हैं।
हम किसी के पुतले जलाते और किसी के कट आउट पर हार ही चढ़ाते रहेंगे और पाकिस्तान के हाथों हारते रहेंगे। हम काल्पनिक महान भारत के आंख मूंद कर सपने देखनेवाले महान लोग हैं। देवपुत्र हैं। विश्व गुरु का झूठ जीते लोग हैं।
हमारी जय हो!😒😞😔
पाकिस्तान सीमा पर रोज सीज फायर में हमारे जवानों को उड़ा रहा है। हम भी उनके छुपे हुए *भगतसिंह और राजगुरुओं* को ढूंढने का नाटक करते हुए अपने 5-6 जवानों का रोज़ पटाक्षेप कर रहे हैं। *अपने जवान खोना हमारा राज धर्म बन गया है।*
कुलमिलाकर भारत बहुत कठिन दौर से गुज़र रहा है। राजनीति मजाक के मूड में है और आपस में चुहल कर रही है।
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