नींद : ५ पांच निराकारी दोहे
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सोना जीवनदान है, सोना स्वास्थ्य-निदान।
सात घड़ी जो सो सके, उसकी सोना-खान।।१
नींद बहुत अनमोल है, बढ़ा विश्व बाजार।
नींद प्रजा को मुफ़्त में, बांट रहीं सरकार।।२
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सोना जीवनदान है, सोना स्वास्थ्य-निदान।
सात घड़ी जो सो सके, उसकी सोना-खान।।१
नींद बहुत अनमोल है, बढ़ा विश्व बाजार।
नींद प्रजा को मुफ़्त में, बांट रहीं सरकार।।२
नींद रोग है, योग है, नींद दवा, उपचार।
नींद चैन की ले सकें, चाह रहा संसार।।३
रक्तचाप, अवसाद की, चोट, खोट की जान।
क्षत-विक्षत को नींद ही, देती जीवन दान।।४
*सोंगढिया(मराठी)= स्वांग गढ़ने वाला,{स्वांग-गढ़िया (हिंदी, तत्सम) से सोंगढिया}, बहुरूपिया,रूप बदलकर आजीविका चलानेवाला,
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