*
विवेकानंद ने कहा था..
१.
नये उपवन में फिर नव-पुष्प नव-मकरन्द छाएंगे!!
विचारों के भ्रमर नव-रस, नया आनन्द पायेंगे!!
अंधेरों की अभी कुछ और उलझी सी पहेली हैं,
इन्हें सुलझाने नव-युग के विवेकानन्द आयेंगे!
२.
"मिला अनमोल जीवन, जीत का इतिहास रचना है।
सफलता के लिए प्रण-प्राण से संघर्ष करना है।
विवेकानंद कहते हैं- "उठो, जागो, बढ़ो आगे-
तुम्हें अनथक, बिना ठहरे, ठिकाने तक पहुंचना है।"
*
@कुमार, १२ जनवरी २०२०, युवा दिवस
Comments