हमारी परित्यक्ता "हिन्दी" : राष्ट्र-भाषा, ** सारे देश ने दिखाकर, व्यावहारिक और शासकीय निर्देशों के निर्वाह में 14 सितम्बर को हिन्दी दिवस मनाया और इतिश्री कर ली! कुछ संस्थाओं ने हिन्दी पखवाड़ा मनाना प्रारंभ किया। अनेक कार्यक्रम भी दिन के हिसाब से किये कराये। हिन्दी को समर्पित कुछ संस्थाओं ने 30 सितम्बर को रविवार होने के बावजूद पितृपक्ष के चलते या राजनीतिक चुनावी आम सभाओं के चलते 29 सितम्बर को ही हिन्दी मास या हिन्दी पखवाड़े का पिण्डदान कर लिया या 'पितृमोक्ष अमावस्या' तेरह दिन पहले मना ली। इस द ेश में सारी तिकडमें या झगड़े सुविधाओं के लिए ही तो हैं। वर्ष भर अंग्रेजी और उर्दू में गर्व करने वाले महापुरुषों ने अपने को घोर हिन्दी-परिवार का होने के बावजूद उर्दू में बल्ले-बल्ले करने में सुविधा को अपनी मजबूरी बतायी और हिन्दी को मौसी का दर्जा दिया। लोगों के मुंह में डंडा डालकर वाह-वाह उगलवाने के पक्षधर इन सामन्तशाही तानाशाहों ने हिन्दी-मासान्त पर उपस्थित होकर उर्दू में अपनी कृपा बरसाई और उर्दू शेर पर दाद न देनेवालों को खूब लताड़ा। भारत में उर्दू और अंग्रेजी का शाही सम्मान होत...