बेताला निजी रोज़नामचा मीर जाफ़र के ख़ुदा-वालिद : रोबर्ट क्लाइव 30 अगस्त 24, शुक्रवार, बालाघाट। टीवी के लगभग सारे चैनल्स पक्षपाती और निहितार्थी हो गए और उनमें से जनपक्ष का रस निकल गया तो हमने epic (महाकाव्य) चैनल की बंधोर बांध ली (subscribed)। उसमें वस्तुगत जानकारियां बहुत सुबोध और तार्किक तरीक़े से दी जाती है। कल हमने एपिक के अंतर्गत 'राजा रसोई' में पूर्वांचल के राजवंशों की रसोई और खानपान के बारे में जाना। कुछ भी हमारे खाने योग्य नहीं था, किंतु इसमें अच्छी बात यह थी कि हमारे खाने की उसमें बुराई नहीं थी। इसे इतिहास, पुरातत्व और भोज-विज्ञानी 'कोई'(?) प्रोफेसर व्याख्यायित कर रहे थे। फिर इसमें 20-30 मंजिला एक कार्गो जलयान को बीच से काट-जोड़कर 30 मीटर अधिक बढ़ाने का जीवंत (live) प्रस्तुतिकरण था। किन-किन निर्माण समस्याओं का, किस बुद्धिमत्ता और सावधानी से निराकरण किया गया, समाधान निकाले गए इसका सुरुचिपूर्ण वर्णन था। न किसी समस्या में राजनैतिक महिमामंडन थ...