दमदार सोच, करे शिकायत दूर
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सोच रखो दमदार, शिकायत हों सब नौ दो ग्यारा.
लोग हंसेंगे, बोल पड़े यदि, सागर लगता खारा.
गड्ढे, कांटे, रोड़े, दुश्मन, मुसीबतें, तक़लीफ़ें,
इनका ज़िक्र, करेगा बौना, हर किरदार तुम्हारा.
गड्ढे, कांटे, रोड़े, दुश्मन, मुसीबतें, तक़लीफ़ें,
इनका ज़िक्र, करेगा बौना, हर किरदार तुम्हारा.
@कुमार, ०९.०२.२०२२, ११.३० प्रातः,
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नाकामियों के दर्द झटक
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हिम्मत से भर छलांग, हिमालय को पार कर.
सौ बार फिसलता है तो, कोशिश हज़ार कर.
कमज़ोर ख़्याल जीत का दुश्मन है, सावधान,
नाकामियों के दर्द झटक, तार-तार कर.
सौ बार फिसलता है तो, कोशिश हज़ार कर.
कमज़ोर ख़्याल जीत का दुश्मन है, सावधान,
नाकामियों के दर्द झटक, तार-तार कर.
@कुमार, ३०.०१.२०२२/०९.०२.२०२२,
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