मैनपाट में बहता है उल्टा पानी : दृष्टिभ्रम या चमत्कार । जानिए पर्यटन स्थल की सच्चाई।
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चमत्कार, जादू या करामात को वैज्ञानिक सोच के समझदार लोग आंख का धोखा या दृष्टिभ्रम, हाथ की सफाई, आदि कहा करते हैं। कई ऐसे प्राकृतिक स्थल हैं जो अनेक विचित्रताओं से भरे हुए हैं। कहीं गर्म पानी और ठंडे पानी के अगल बगल बने कुंड, कहीं पहाड़ी में बने कुएं के अंदर से आती हवाएं, कहीं कोई अद्भुत दलदल जो बरसात के बाद सुख जाता है लेकिन दीपावली के आसपास उसमें पानी निकलता है और ज़मीन दलदल की तरह धंसने और हिलने लगती है। इनके पीछे बहु गर्भीय कारण हो सकते हैं जिस पर भू-गर्भ शास्त्रियों के अतिरिक्त कौन सरदर्द मोल ले?
ऐसा ही एक स्थान है छत्तीसगढ़ का पर्यटन स्थल कहलानेवाला मैनपाट। यह स्थल खूबसूरत वादियों के साथ आश्चर्य से भर देनेवाले 'उल्टा बहने वाले पानी' के लिए विख्यात है। यह ऐसा स्थान है जहाँ पानी का बहाव ऊँचाई की ओर है। इसे देखने लोग दूर दूर से आते हैं।
छत्तीसगढ़ के सरगुजा जिले में 'मैनपाट' विसरपानी गाँव में स्थित है। यह स्थान पिछले कुछ वर्षों से लोगों के बीच 'उल्टा पानी' काफी ज्यादा चर्चित है। सामान्यतः पानी नीचे की ओर अर्थात् ढलान की तरफ़ बहता है लेकिन यहां देखने पर ऐसा प्रतीत होता है कि पानी का बहाव ऊँचाई की ओर है। यह सुनकर ही अचंभित करनेवाले बात है जिसे देखने के लिए लोग लालायित हो उठते हैं।
इस उल्टी बात के कारण पहले स्थानीय लोग इसे भूतिया जगह मानते थे। जब जिज्ञासु पर्यटकों की संख्या दिन ब दिन बढ़ने लगी तो लोगों ने इसे प्राकृतिक चमत्कार मैन लिया।
अनेक विज्ञानवादी लोगों ने इसके पीछे के कारण को समझने का प्रयास किया। अनेक भू वैज्ञानिक शोधकर्ताओं ने इस पर काम किया, लेकिन किसी सर्वमान्य निर्णय पर नहीं पहुंच पाए। कुछ लोग मानते हैं कि यह केवल एक दृष्टि-भ्रम, ऑप्टिकल इल्युजन या आंखों का धोखा है। कुछ इसे 'स्थलीय गुरुत्वाकर्षण बल' का अधिक होना मानते हैं, जिसे कुछ लोग हास्यास्पद कहते हैं।
चाहे जो हो है यह एक आकर्षक मायाजाल, मारीचिका या कौतूहल का कारण तो है ही, जिसने इस स्थल के पर्यटन को बढ़ावा दिया है। प्रायः मानसून और ठंड के मौसम में यहाँ की ख़ूबसूरती चरम पर होती है और यह चहल पहल बढ़ जाती है।
सरगुजा जिले में विसरपानी स्थित यह मैनपाट स्थल, जिला अंबिकापुर से लगभग 56 किलोमीटर और राजधानी रायपुर से लगभग 365 किलोमीटर की दूरी पर है। सड़क मार्ग से बस अथवा कार से सरलतापूर्वक यहां पहुंचा जा सकता है। निकटतम रेलवे स्टेशन और बस स्टैंड अंबिकापुर में है। दूसरे प्रान्तों या देशों से आनेवाले पर्यटक रायपुर स्थित 'स्वामी विवेकानंद हवाई अड्डे' से टैक्सियों द्वारा वहां पहुंच सकते हैं।
मैनपाट पर्यटन स्थल में 'उल्टा पानी' के अतिरिक्त अन्य दर्शनीय स्थलों में टाइगर पॉइंट भी एक है। यह मैनपाट का सबसे प्रसिद्ध पर्यटन स्थल है। यहां महादेव नदी पर एक आकर्षक जलप्रपात है जो 80 फ़ीट ऊपर से गिरता है। इसे टाइगर पॉइंट के नाम से जाना जाता है। यहाँ बाघ या बंगाल टाइगर पानी पीने आते थे जो पर्यटकों को भी यदाकदा दिख जाते थे, इसलिए इस स्थल का नाम 'टाइगर पॉइंट' कहलाया। इसे जलपरी पॉइंट भी कहते हैं। उसके पीछे की कथा कोई बता नहीं पाता। अल्बत्ते अनुमान लगाना और कथा गढ़ लेना भारत की एक सार्वभौम विशेषता है।
दलदली – मैनपाट का आश्चर्यजनक स्थल है, जहाँ उछलने पर जमीन हिलती है। जंगल के बीच में छोटे से मैदान में स्थित यह दलदली लोगो के मनोरंजन को नमकीन बनाती है।
@कुमार
Comments
वाकई देखे जाने योग्य ।
जिज्ञासु प्रवृत्ति के लिए रुक पाना मुश्किल है। बालाघाट से
लगभग 565 किलो मीटर पड़ेगा।