मैं तुम्हारे द्वार आया हूँ तुम्हें देने बधाई,
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
मैं तुम्हारे दुर्दिनों के कठिन श्रम का साक्षी हूं,
गंध हूं माथे से टपके हर पसीने की तुम्हारी।
मैं लगन की, साधना की अनवरत गतिमान लागत,
लाभ में तुमको मिलें शुभकामना सारी हमारी।
तुम सफलता के चरम पर पांव अपना धर चुके हो,
आत्म-मोहन मेनका के रूप में मन मत रिझाना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
स्मरण है? भूमि छप्पर तानने को, मिली कैसे?
एक तुलसी, एक गेंदा, एक मिर्ची रोपने को।
एक मुट्ठी धूप खाकर, पेट भर आंसू पिलाकर,
सूर्य प्रतिदिन तुमको ले जाता मिलों को सौंपने को।
तेज धारों की दराती से दिनों को भूलना मत,
स्वप्न से रूठी हुई रातों को अब फिर मत खिजाना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
सफलता होती नहीं अस्तित्व की अंतिम लड़ाई,
फिर नया संघर्ष रचता है नया रण-व्यूह अपना।
फिर नए त्रय-शूल की तलवार लेकर प्रण-तुरग पर,
प्राण के अंधे-समर में सबको होता टूट पड़ना।
अहिर्निश, प्रतिक्षण, सतत-संग्राम के दिन सामने हैं,
हाथ से संकल्प-ध्वज को मरते दम तक मत गिराना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
*****
@कुमार,
30.8.19 - 3.9.19,
प्रातः- अपरान्ह,
किंग्स केसल रेसीडेंसी,
आरम सिटी, नवगांव,
बालाघाट-
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
मैं तुम्हारे दुर्दिनों के कठिन श्रम का साक्षी हूं,
गंध हूं माथे से टपके हर पसीने की तुम्हारी।
मैं लगन की, साधना की अनवरत गतिमान लागत,
लाभ में तुमको मिलें शुभकामना सारी हमारी।
तुम सफलता के चरम पर पांव अपना धर चुके हो,
आत्म-मोहन मेनका के रूप में मन मत रिझाना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
स्मरण है? भूमि छप्पर तानने को, मिली कैसे?
एक तुलसी, एक गेंदा, एक मिर्ची रोपने को।
एक मुट्ठी धूप खाकर, पेट भर आंसू पिलाकर,
सूर्य प्रतिदिन तुमको ले जाता मिलों को सौंपने को।
तेज धारों की दराती से दिनों को भूलना मत,
स्वप्न से रूठी हुई रातों को अब फिर मत खिजाना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
सफलता होती नहीं अस्तित्व की अंतिम लड़ाई,
फिर नया संघर्ष रचता है नया रण-व्यूह अपना।
फिर नए त्रय-शूल की तलवार लेकर प्रण-तुरग पर,
प्राण के अंधे-समर में सबको होता टूट पड़ना।
अहिर्निश, प्रतिक्षण, सतत-संग्राम के दिन सामने हैं,
हाथ से संकल्प-ध्वज को मरते दम तक मत गिराना।
तुम कृपा की टोकरी नौकर के हाथों मत भिजाना!
*****
@कुमार,
30.8.19 - 3.9.19,
प्रातः- अपरान्ह,
किंग्स केसल रेसीडेंसी,
आरम सिटी, नवगांव,
बालाघाट-
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