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मोहरे


जो लोग शतरंज के खिलाड़ी हैं उन्हें मोहरों की औकात पता है। मोहरा बेचारा ही अपनी कीमत नहीं जानता।
अभी तीन दिन पहले मैं मोहरा बनाया गया और उस समय तक मेरे बड़े भाव थे जब तक मैं पिट नहीं गया।
मुझे मोहरा बनाकर चलनेवाले चालबाज़ ने जानबूझकर मुझे दूसरी पार्टी के घर में धकेलकर ऐसे स्थान पर खड़ा किया था जहां मेरे पिट जाने में आसानी हो। नाइट के सामने पैदल कैसे टिकेगा? मुझे वजीर कहकर इस खिलंदड़े चालबाज़ ने उठाया था लेकिन जब मैं घोड़े से पिट गया तो मुझे अपनी चाल में लगानेवाला चालबाज़ खिलाड़ी हंसकर बोला, "गया पिद्दी मोहरा। मुझे पता था यह जाएगा इसीलिए इसे आगे बढ़ाया। पर चूंकि यह ज़िंदा इंसान है इसलिए इस पिद्दी (पैदल) को भाव देते हुए इसे मैंने झूठमूठ वजीर कह दिया ताकि यह खुशी खुशी मोहरा बन सके और मैं इसे चल सकूं।'

मैं पिटा हुआ पैदल लुइस रुआंसा होकर उस चालबाज़ शतरंजिये का मुंह टुकुर टुकुर देख रहा था। एडिनबर्ग स्कॉटलैंड के तमाशाई देखते रहे कि झल्लाई हुई रानी विक्टोरिया किंग लुइस मार्टिन को नहीं, वार्डर लुइस चैस को पीटने लगी। किंग मार्टिन हंसने लगा। क्वीन विक्टोरिया रॉयल-गेम छोड़कर गली-छाप लड़ाई पर उतर आई।

यही तो चाहता था किंग मार्टिन। अपने मोहरे को क्वीन से पिटवाकर भी किंग जीत गया। रानी को खिसियाया देखकर बदमाश किंग हंस रहा था। और रानी निर्दोष पैदल को पीटकर संतोष की ऐसी सांस ले रही थी जैसे वह जीत रही है। वाह किंग मार्टिन, आह भोली रानी।

तथाकथित महारानी एलिज़ाबेथ ने लंदन में नहीं, स्कॉटलैंड में शतरंज की राष्ट्रीय प्रतियोगिता आयोजित की। स्कॉटलैंड के लुइस टापू पर ही तो मिले थे कभी ये शतरंज के 93 मोहरे। अमीरों की शानो शौकत के पेशेनज़र बेशकीमती हाथी दांत पर नक्काशीदार खुदाई से बने ये मोहरे शताब्दियों का लंबा सफर करते हुए, इंग्लैंड के लंदन-स्थित ब्रिटिश-म्यूज़ियम में सबसे बड़ी संख्या में कुल 82 उपलब्ध हैं। शेष ग्यारह स्कॉटलैंड के एडिनबर्ग में सुशोभित हैं। इंग्लैंड के लंदन से 5 मोहरे गायब थे- एक लुइस नाईट था और बाकी लुइस वार्डर। अब उनमें से एक 55 साल स्कॉटलैंड के एक एंटीक डीलर की दराज़ में भूमिगत रहकर यह मोहरा लुइस वार्डर अचानक बाहर आया था और बाहर आते ही चाहनेवाले उस एंटीक मोहरे को हथियाने लपक पड़े। उसके भाव बढ़ते गए। डीलर ने 55 साल पहले जिस मोहरे को 5 पाउंड में खरीदा था, आज उसकी कीमत 1 मिलियन पाउंड यानी 8.7 करोड़ भारतीय रुपये लोग लगा रहे हैं।

मोहरे भी ऊंचे दामों में बिकते हैं भाई। सियासत और साजिश में मोहरों की बड़ी कीमत है। महारानी अपने प्रिय और न पिटनेवाले किन्तु खोए हुए कीमती मोहरे अब पाना चाहती है। यह शतरंज का खेल इसीलिए एडिनबर्ग स्कॉटलैंड में रखा गया है कि शायद रानी एलिजाबेथ के खोए हुए वे लुइस नाईट और लुइस वार्डन लौट आएं। 

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