01. 01. 2011 , शनिवार*
एक एक दो भी , ग्यारह भी , यही बताने आया ,
नये साल संबंधों पर हो , इसी गणित की माया ।
नयी घटाएं लेकर मौसम दुनिया भर में छाया
आज नहीं , अब कल सोचेंगे-क्या खोया क्या पाया ?
*2011 का अंतिम दिन 31.12.2011 भी शनिवार है
शनीवार आरंभ है , शनीवार ही अंत
आते जाते एक हो , वही कहाता संत
एक नजर हो, एक हो बोली , भले अलग हो भाषा
एक हृदय की नेक भावना , फूले फले अनंत ।
0 डॉ. रामार्य
Comments
आपको नव वर्ष 2011 की हार्दिक शुभकामनायें ...स्वीकार करें
शुभकामनाएं....
नूतन वर्ष की हार्दिक शुभकामनाएं
नव वर्ष पर अभिव्यक्ति का बहुत ही सुन्दर गुलदस्ता आपने पेश किया है !
मैं भी अपनी शुभकामनाओं के कुछ फूल आपको प्रेषित करता हूँ स्वीकार करें !
"नव वर्ष में आपको सपरिवार जीवन की सारी खुशियों प्राप्त हो !
-ज्ञानचंद मर्मज्ञ