
2. एसराम उइके पेन्टर
आदिजन बहुल क्षेत्र के एक सामान्य परिवार से संबद्ध श्री एसराम उइके रेलवे मुलाजिम हैं। यद्यपि यह कलाकार रेलवे में पेन्टर के रूप में 1985 से पदस्थ है ; लेकिन अरविंद आश्रम के अनुयायी एक कांक्रीट कलाकार श्री अनादि अधिकारी के साथ संपर्क होने से कैनवास पेन्टिंग में इनकी प्रतिभा अद्भुत रंग उभारती रही है। भविष्य में इस श्रमजीवी कलाकार की कण कण में निखरी चित्रकला और रंग-रचनाओं के साथ साथ अरविन्द-आश्रम के सिद्धहस्त रंगशिल्पी और मूर्तिकार अनादि अधिकारी के
शिल्प का परिचय देने का प्रयास करूंगा।




श्री एसराम ने यद्यपि इस विशाल और वृहद स्तर पर अपने शिल्प को प्रस्तुत नहीं किया है लेकिन अपने विविधता से भरे मूर्तिशिल्प और रंगसंयोजन को लेकर इस क्षेत्र में अपने पहचान जरूर बनाई है। कागज और केन्वास पर इनकी तूलिका ने अनेक मौलिक रचनाओं को जन्म दिया है। रेलवे के बोर्डों और होर्डिंग पर लेखन के साथ-साथ प्रमुख रूप से कान्हा के सौन्दर्य और बाघों के जीवित चित्र इस संभाग में देखे जा सकते हैं।




दुर्गा प्रतिमाओं को कला के साथ प्रस्तुत करने के लिए श्री एसराम दूर-दूर तक विख्यात हैं। एक समग्र कलाकार के रूप में इनकी पहचान है। इनकी कलाकृतियां इनके दृष्टि-विस्तार की परिचायक हैं। जब तक यानी 7 अक्टोबर तक इन मूर्तियों रंगा जाता है, तब तक इन मूर्तियो ंके निर्माण को हम देखें। अगले दो दिनों में इन माटी के पुतलो को रंगीन देख सकेंगें
2.10.10
क्रमशः
Comments
Shirshak sahaj hi aakarshit karta hai ......!
Sadhubaad
आपको धन्यवाद... इतनी प्यारी प्रस्तुति के लिए .....