अदभुत पैदाइशें
1. #आत्ममुग्ध_नार्सिसस
(स्रोत-प्रशांत द्विवेदी, सौजन्य- सत्यदेव पुरोहित)
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भारत अकेला देश नहीं है जहां नदी और पुरुष से पुत्र पैदा होने की कहानी रची गई।
ग्रीक माइथॉलजी में भी एक कथा के अनुसार नदियों के देवता (भारतीय वरुण)#सेफिसस और अप्सरा #लिरिओपे (भारतीय उर्वशी) से जो पुत्र पैदा हुआ, वह अत्यंत सुंदर, बहादुर, बलिष्ट और अ-दमनीय योद्धा बना। उसकी सुंदरता जो देखता उसका दीवाना हो जाता। लोगों के बीच अपनी लोकप्रियता से वह घमंडी हो गया।
बहुसंख्यक लोग उसके प्रेम में पड़ते गए और वह सबको धिक्कारता और दुत्कारता गया। उसने किसी के भी प्रेम, विश्वास, आकांक्षा, मांग, प्रणय आदि का सम्मान या सत्कार नहीं किया।
एक दिन वह जंगल में शिकार खेलने गया और उसे प्यास लगी तो तालाब में पानी पीने गया। वहाँ उसने पानी में अपनी परछाई देखी और उसे खुद से प्रेम हो गया।
कथा के अनुसार वह अपने ही मनमोहक रूप में आत्ममुग्ध हो गया और आत्मरति का शिकार हो गया। चारों ओर उसे अपने ही होने की भूख और प्यास रहने लगी और वह दूसरों की उपस्थिति से व्याकुल होने लगा। आत्म-रति और आत्ममुग्धता उसकी ग्रंथि बन गई।
उसका नाम था,"नार्सीसस" (Narcissus)।
इस कहानी से अंग्रेजी में एक शब्द आया- 'नार्सीसज्म' (Narcissism) यानी आत्ममुग्धता या आत्मरति की भावना।
जब पर्सनालिटी डिसऑर्डर बन जाती है तो इसे "नार्सीसिस्ट" (Narcissist) बोला जाता है।(भारत में भी आत्ममुग्ध राजाओं की लंबी सूची है।)
'नार्सीसस' की कहानी में सुंदर अप्सरा "इको" (Echo) का भी जिक्र मिलता है। Echo का अर्थ प्रतिध्वनि होता है, जिसमें एक ही ध्वनि बार बार होती है। इगो में भी इको ही इको होता है। आत्ममुग्ध श्लाघा को स्तुतिगान के सिवा कुछ सुनाई नहीं देता।
ग्रीक माइथोलॉजी से संबंधित विज़ुअल आर्ट फॉर्म "फ्रेस्को" में नार्सीसस को बहुत महत्वपूर्ण स्थान मिला है।
Comments
एक अजीब सी दास्ताँ है,
हर लफ़्ज़ से ज़्यादा कहने वाली,
वो खामोशी की मुस्कुराहट है.
कभी सोचो तो, ये क्या कहती है,
ख्वाबों की जुबान में कुछ और ही बात है।”
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