Skip to main content

Posts

Showing posts from July, 2009

सदी का महानायक: कुत्ता

इक्कीसवीं सदी में एक नया इतिहास बना है। ओबामा साहब राजनैतिक विश्व में सबसे शक्तिशाली देश के पहले ग़ैर-श्वेत नस्ल के राष्ट्रपति के रूप में सत्तारूढ़ हुए हैं। विद्वान हैं ,उत्साही हैं ,सुलझे हुए हैं और आत्मविश्वास से भरे हुए हैं। हालांकि उनकी विद्वता ,उत्साह ,सुलझाव और आत्मविश्वास की दिशाएं पूरी तरह खुली हुई नहीं हैं। अमेरिका को इसलामिक राष्ट्र और पुतिन को राष्ट्रपति कहकर उन्होंने संकेत जरूर दिया है कि वे किधर जा रहे हैं। पर इतिहास रचनेवाले तो वे हमेशा रहेंगे। बराक साहब की लोकप्रियता का एक और कारण है । पद पर आकर उन्होंने सबसे पहले जिस प्राणी की खोज की वह एक शानदार जानदार समझदार कुत्ता था। इसके साथ ही मनुष्य समाज का सबसे वफादार दोस्त कुत्ता नामक प्राणी दुनिया भर में फिर चर्चा का विषय बन गया। दुनिया भर के बलागर्स में कुत्ते भी शामिल हुए । उन्होंने न केवल बराक ओबामा को कुªªत्ता जाति को सम्मानित करने के लिए धन्यवाद प्रेषित किये बल्कि अपने-अपने रिज्यूम भी भिजवाए ताकि उनका यथास्थान नियोजन हो सके। यद्यपि यह पहली बार नहीं हुआ कि कोई कुत्ता सत्ता के गलियारों में इतने शानदार ढंग से प्रविष्ठ ...

राग-दरबारी उर्फ राग-विरुदावली

दाता के गुण गाओ -‘ राग-दरबारी उर्फ राग-विरुदावली भीषण गर्मी की लू भरी शाम में भी हम इवनिंग वाक करने निकले थे। म्यूजिक प्लेअर में कोई गाायक ‘रागदरबारी ‘ में एक बंदिश गा रहा था -‘दाता के गुण गाओ...‘। गुणगान की बंदिश होने के कारण ही शायद ‘रागदरबारी‘ दरबारियों का राग कहलाता है। हालांकि राजदरबार के एक राजपत्रित दरबारी ने शिक्षा-व्यवस्था और शिक्षा-व्यवसाय के सिर पर तबला बजाते हुए तोड़-मरोड़कर थाट-तोड़ी पर पढ़ा जानेवाला ‘रागदरबारी’ गाया ,जो उतना ही लोकप्रिय हुआ ,जितना मर्मस्थल पर हाथ रखकर गानेवाले पापी गायक स्व. माइकल हुए। वे आज ही स्वर्गीय हुए हैं। उन्हें इन पंक्तियों के लेखक ने कभी सुना नहीं और देखा भी नहीं हैै। पर नाम तो नाम होता है। नाम होता है तो फिर देखने सुनने की क्या जरूरत? वैसे गाए जानेवाले राग- दरबारी में बिला-शक मिठास बहुत है। यह मिठास सुरों की है या गुणगान की यह तो कोई सुरंदाज़ ही बता सकता है। मेरे जैसे साधारण सुननेवाले तो केवल संगीत की मिठास ग्रहण करते हैं। संगीत के सुर-शास्त्र से उनको क्या लेना देना ? जैसे भोजन बहुत बढ़िया है , इसकी तमीज़ हर खानेवाले को होती है लेकिन पाकशास्त्र का ...