2. अमृतध्वनि छंद या वृत्त पिछले अंक में संस्कृत वृत्त या छंद 'अनुष्टुप' के सौंदर्य और रस का आनंद लेने के बाद हिंदी वर्णमाला के स्वरक्रम में आनेवाला छंद 'अमृतध्वनि' है। हालांकि 'छंदोमंजरी' के रचयिता संगीताचार्य मौला बख़्श घीसा खान ने अपनी अनुक्रमणिका में इसे 53 वां स्थान दिया है, किन्तु हम वर्णमाला के अनुक्रम का पालन करते हुए हम (राम-छंद-शाला के रसज्ञ जन) इसे दूसरे स्थान पर ले रहे हैं। सर्वप्रथम छंदोमंजरी में 'अमृतध्वनि' के बारे में दी गयी निम्न जानकारियों से अवगत कराना चाहूंगा और इसी के साथ हम आगे बढ़ते जाएंगे। ० ग्रंथ : संगीतानुसार छंदोमंजरी, ५३. अमृतध्वनि चरण अक्षर २२, त भ य ज स र न गा, मात्रा स्वरूप २२१ २११ १२२ १२१ ११२ २१२ १११ २ = ३२, राग : भैरव, ताल: खंड चौताल, मात्रा : विलंबकाळ. (भैरव थाट/ राग भैरव - सम्पूर्ण सम्पूर्ण : रि ध कोमल, शेष शुद्ध) ० स्वरलिपि: ध-प-मग-रिगरि.म-ग-रिस-रिनिस. स-ग-मप-धमप. गम। ग-म-पध-पधनि.नि-स-रिस-रिनिस.ग-म-गरि-रिसनि.स-। रि-ग-रिस-रिसनि.ध-स-निध-पमग.स-नि-धप-पमग.गम। ध-प-मग-रिगरि.म-ग-रिस-रिनिस. स-ग-मपध-...