प्रेमचंद जयंती(31 जुलाई) पर विशेष - मुंशी प्रेमचंद की कहानी ‘मंत्र’ की आख्या: -डाॅ. रा. रामकुमार, प्रेमचंद की ‘मंत्र’ कहानी दो वर्गों की कहानी है। ये दो वर्ग हैं ऊंच नीच, अमीर गरीब, दीन सबल, सभ्य और असभ्य। ‘मंत्र’ दोनों के चरित्र और चिन्तन, विचार और सुविधा, कठोरता और तरलता के द्वंद्वात्मकता का चरित्र-चित्रण है। मोटे तौर पर देखने पर यह कहानी ‘मनुष्य और सांप’ के दो वर्ग की भी कहानी है। अजीब बात हैं कि मनुष्य अपनों में सांप बहुतायत से देख लेता है किन्तु सांपों को मनुष्य दिखाई नहीं देते। यद्यपि प्रेमचंद अपनी कथाओं में समाज का यथार्थ चित्रण करते थे किन्तु उनका उद्देश्य आदर्शमूलक था। उनकी सभी कहानियां समाज के द्वंद्वात्मक वर्गों का व्यापक चित्र प्रस्तुत करती हैं। अच्छे और बुरे, अमीर और गरीब, ऊंच और नीच, पढे-लिखे और अनपढ़, ग्रामीण और शहरी, उद्योगपति और मजदूर। स्थूल रूप से भारत का समाज ऐसे जितने भी वर्गों में विभाजित है और उसमें जितनी भी विद्रूपताएं हैं, उनका वर्णन संपूर्ण व्याप्ति और पूर्णता के साथ प्रेमचंद की कथाओं में मिलता है। भारत वर्गों का नही जातियों का देश है। ...