आपके इधर तो खैर आता ही होगा, हमारे भी आता है एक फेरीवाला.. प्लास्टिक के घरेलू आइटम लेकर. वादा करता हे कि अगली बार वह भी लेकर आउंगा जो इस बार नहीं लाया..तो फिर जरूर आता है.. लीजिए मैंने भी कहा था कि अगली बार यह लेकर आउंगा तो आया... दर्द की चर्चा चल निकली। चार लोग बैठते हैं तो कुछ न कुछ चल निकलता है। चलते पुरजों से काम की बातें आप चाहे न निकाल पाएं, यह निष्कर्ष जरूर निकाल लेते हैं कि किसी के पेट में क्या है। मुझे लगता है कि यह कहावत ‘‘किसी के पेट में क्या है, कोई नहीं जानता’’, जरूर किसी दाई ने बनाई होगी। जचकी से संबंध बैठता है इसका। किसी दाई (मेटरनिटी मेड एक्सपर्ट) ने लक्षण देखकर बताया होगा कि लड़का होगा। हो गई होगी लड़की। भद्द हुई होगी तो झल्लाकर उसने कहा होगा-‘‘ अब किसी के पेट में क्या है, कोई थोड़े जानता है।’ लड़का होता तो वही शेखी बघारती और ईनाम लेती। कैसी अजीब बात है, जिस लड़की को लेकर दुनिया में इतनी मारकाट मची है, उसे ही लोग पैदा होने से रोकते है, भ्रूण में मार डालते हैं। खैर, चलते पुरजे अपना काम जिस खूबसूरती...