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Showing posts from March, 2024

होली की 'परिशुद्ध कथाएँ

होली की 'परिशुद्ध कथाएँ           संस्कृत शब्द ' होलक्का ' से ' होली ' शब्द का जन्म हुआ है। वैदिक युग में 'होलक्का' को ऐसा अन्न माना जाता था, जो सूर्य, पृथ्वी, वर्षा, अन्न आदि 'देवों' का मुख्य एवं प्रिय खाद्य-पदार्थ था, अतः 'होलक्का' या 'होली' में इस काल में उत्पादित अन्नों का भोजन उन्हें अर्पित किया जाता है। 'होली'- पाक के 'मुख्य-साधन' अग्नि का प्रतीक है।             होली  भारत का प्रमुख त्यौहार है। बाल-वृद्ध, नर-नारी सभी इसे बड़े उत्साह से मनाते हैं। ईसा की कई शताब्दियों पूर्व से 'होलाका' शब्द इस उत्सव के लिए प्रचलित था। भारत के विभिन्न भाषाभाषी प्रान्तों में इसे अलग अलग नामों से पुकारा जाता है। जैसे तमिलनाडु में कामन पोडिगई, पंजाब में होला मोहल्ला, कर्नाटक में कामना हब्बा, बिहार में फगुआ, महाराष्ट्र में रंग पंचमी (अमीर खुसरो के गीत में इसे ही रंग कहा), गोवा में शिमगो, हरियाणा में धुलेंड़ी, मणिपुर में योसांग होली आदि।          किंवन्तियों में वैष्णवों की होली विषयक अनेक कथाएं हैं। इलेक्ट्रॉनिक...