रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्य तिथि (7 अगस्त) पर विशेष- गुरुदेव की कहानी ‘भिखारिन’ की वी कहानी के रासायनिक विश्लेषण से विद्वानों ने सात-तत्व निकाले हैं। आश्चर्य है कि ‘समुद्र-मंथन’ नामक धार्मिक पौराणिक कहानी से चौदह-तत्व निकले जिन्हें रत्न कहा गया। स्त्री, विष और अमृत को भी रत्न कहा गया। रासायनिक परिभाषा रत्न को तत्व नहीं मानती। व्यक्ति तो तत्व हो ही नहीं सकता। वह पांच तत्त्वों का यौगिक है..छिति,जल,पावक,गगन,समीरा। पांच तत्त मय रचा सरीरा।तत्व तो वह है जिसके अंदर दूसरी और वस्तुएं न हों। मनुष्य और रत्न में अनेक तत्व होते हैं। विष का रासायनिक विश्लेषण हो चुका है। अमृत का नहीं हुआ है। वह एक काल्पनिक द्रव्य है. रवीन्द्रनाथ टैगोर की पुण्य तिथि को अमरत्व दिवस भी कहते हैं। रवीन्द्रनाथ टैगोर अपने समय के प्रभावशाली लेखन के कारण अमर हुए। इसीलिए लेखन को अमरत्व की दिशा में एक महत्वपूर्ण प्रयाण भी लोग मानते हैं और इसीलिए लेखन की दुनिया में अमर होने के लिए मर मिटने के लिए तैयार रहते हैं। वहीं कुछ हैं जो प्रतिद्वंद्वी को मार डालने के लिए कुछ भी कर गुजरने को तैयार रहते हैं। कुछ लोगों की चरित्र-हत्या के म...