बढ़ते रहो, रुकना नहीं, कैसी भी हो मुश्किल बड़ी! हर हाल में चलते रहो, हर हार से मंजिल बड़ी! ताकत बड़ी, हिम्मत बड़ी, हर हौसला, चाहत बड़ी, इस कारवाने जीस्त में, हर राह है संगदिल बड़ी डाॅ. रामकुमार रामरिया, नये राम मंदिर के पीछे, गुलमोहर गली, 35, स्नेह नगर-27, बालाघाट शुक्रवार,1 जुलाई 2016, प्रातः 7.19 शब्दावली : कारवाने जीस्त: जिन्दगी का अभियान, जीवन की यात्रा, संगदिल: पत्थरदिल, कठोर, निर्मम,