tag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post8472318370321737148..comments2024-02-28T00:50:07.173-08:00Comments on अनुभूतियां-अभिव्यक्तियां: औरत की जात, ( भाग 1)Dr.R.Ramkumarhttp://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comBlogger6125tag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-9499666063204006242013-02-24T04:41:48.938-08:002013-02-24T04:41:48.938-08:00कुल मिलाकर संपूर्ण आमूलचूल परिवर्तन, धर्मनिरपेक्ष ...कुल मिलाकर संपूर्ण आमूलचूल परिवर्तन, धर्मनिरपेक्ष संपूर्ण-क्रांति की आवश्यकता है। हिन्दू, मुस्लिम, ईसाई धर्मों के स्थान पर मनुष्य-धर्म की स्थापना की आवश्यकता है। सत्य तो यह है कि जिस स्त्री पर बलात्कार होता है वह धर्म नहीं, शरीर होती है। स्त्रीत्व तो हर धर्म की स्त्री की अमूल्य निधि है। अतः स्त्री-रक्षा विश्वधर्म हो, जाति धर्म नहीं। जाति, समाज और धर्म में बांटकर स्त्री कभी सुरक्षित नहीं रही है, यह अध्ययन बताते हैं। <br /><br />Achchha analysiskumar zahidhttps://www.blogger.com/profile/16434201158711856377noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-35151214028219020902013-02-01T07:18:24.327-08:002013-02-01T07:18:24.327-08:00महिला राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय रा...महिला राष्ट्रपति, महिला प्रधानमंत्री, राष्ट्रीय राजनैतिक दल की महिला अध्यक्ष, महिला लोकसभाध्यक्ष, महिला मुख्यमंत्री, महिला न्यायविदों, महिला उच्च सुरक्षा अधिकारियों की उपस्थिति के उपरान्त भी महिलाओं के साथ अत्याचार की बढती तादात सिर्फ यही दर्शाती है कि जो समर्थ है वह दूसरों के अधिकारों और सुरक्षा के प्रति कितने असहिष्णु हैं. <br /><br />विचारोत्तेजक आलेख.रचना दीक्षितhttps://www.blogger.com/profile/10298077073448653913noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-81652166685434318612013-01-31T10:33:33.068-08:002013-01-31T10:33:33.068-08:00bahut kuchh kah gaye aap is ghranit apradh ke bare...bahut kuchh kah gaye aap is ghranit apradh ke bare me .aur bahut sahi bhi .सार्थक प्रस्तुति <a href="http://shalinikaushik2.blogspot.com" rel="nofollow">नसीब सभ्रवाल से प्रेरणा लें भारत से पलायन करने वाले <br /></a> आप भी जाने <a href="http://shalinikaushikadvocate.blogspot.com" rel="nofollow"> मानवाधिकार व् कानून :क्या अपराधियों के लिए ही बने हैं ? </a><br />Shalini kaushikhttps://www.blogger.com/profile/10658173994055597441noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-74962929411714048992013-01-31T09:39:55.477-08:002013-01-31T09:39:55.477-08:00आपका लेख बहुत सुन्दर एवं सटीक है परन्तु बहुत लम्बा...आपका लेख बहुत सुन्दर एवं सटीक है परन्तु बहुत लम्बा है .एक सलाह देना चाहूँगा .इस प्रकार का लम्बा लेख २ या ३ कड़ियों में प्रकाशित करे तो उसका आनंद अलग होगा .<br />New post<a href="http://vichar-anubhuti.blogspot.in/2013/01/blog-post_31.html#links" rel="nofollow">अनुभूति : चाल,चलन,चरित्र</a><br />New post<a href="http://kpk-vichar.blogspot.in/2013/01/blog-post_26.html#links" rel="nofollow"> तुम ही हो दामिनी।</a><br />कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-64826257166626077052013-01-31T09:38:05.324-08:002013-01-31T09:38:05.324-08:00This comment has been removed by the author.कालीपद "प्रसाद"https://www.blogger.com/profile/09952043082177738277noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-69682748528901188732013-01-31T07:42:48.009-08:002013-01-31T07:42:48.009-08:00@ इस तरह के सीरियल और साइट बंद होने चाहिए। यह आचार...@ इस तरह के सीरियल और साइट बंद होने चाहिए। यह आचार संहिता की ओर इशारा है<br /><br />क्या सीरियलों को बंद करने ये ये समस्या हल हो जाएगी ...इन्टरनेट ब्लू साईटों से भरा पड़ा है ज्यादातर बच्चे वहीँ से बिगड़ते हैं ....<br />@ कुछ लोगों का मानना है कि लाइसेंस्ड वेश्यावृत्ति की परम्परा पुनः आरंभ की जानी चाहिए।<br /><br />जो चीज आसानी से मिल जाये वहां क्यों जाएँ भला ...?<br />मज़ा तो जोर जबरदस्ती पाने में है ....<br /><br />बहरहाल इतनी लम्बी पोस्ट देख सोचती हूँ आपकी लिखने की स्पीड कितनी होगी ....:))हरकीरत ' हीर'https://www.blogger.com/profile/09462263786489609976noreply@blogger.com