tag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post4170760785092584788..comments2024-02-28T00:50:07.173-08:00Comments on अनुभूतियां-अभिव्यक्तियां: मंत्र : आदमी और सांप के किरदारDr.R.Ramkumarhttp://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comBlogger2125tag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-16289323153872696872021-06-05T05:05:02.209-07:002021-06-05T05:05:02.209-07:00टिप्पणी के लिए किस बात की क्षमा मित्र! यह कोई गुना...टिप्पणी के लिए किस बात की क्षमा मित्र! यह कोई गुनाह नहीं। टिप्पणी तो स्वास्थ्य का प्रमाण हैं। खेद तो उनके लिए है जो पक्ष में या विपक्ष में अपनी बात रख भी नहीं सकते। <br />Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.comtag:blogger.com,1999:blog-4997677413319818638.post-8616856883925911482019-12-28T03:51:53.827-08:002019-12-28T03:51:53.827-08:00सीधे सादे प्रेमचन्द्र जी को और आज के मेरे मित्र को...सीधे सादे प्रेमचन्द्र जी को और आज के मेरे मित्र को स्वप्न बहुत आते है और थे भी,<br /> अब इस जगत में डॉ चड्डा ही मिलेगें, दीन हीन भगत तो आज भी हैं और बहुतायत हैं पर सभी डॉ.चड्डा के मनोरंजन में खलल डालने के लिए ही इस धरती पर अवतरित हुये हैं ।<br /> प्रेम,दया,परोपकार,करुणा ये सिर्फ अब लिखने कहने योग्य भाव हैं जो लेख,कहानी,अनमोल वचनों,व्याख्यान और दीवारों पर सुंदर दिखने लिखने लायक भाव मात्र हैं ।<br /> साँप अब बगैर छेड़े ही काटने को आतुर हैं क्योंकि वो उच्चासिन बन बैठे हैं ।<br /><br /> टिप्पणी के लिए क्षमा चाहता हूँ ।<br /><br /> 0 विनोद गुप्ता, राजनांदगांव, छ. ग.Dr.R.Ramkumarhttps://www.blogger.com/profile/09073007677952921558noreply@blogger.com